पंचवर्षीय योजना | भारत की 13वीं पंचवर्षीय योजना | भारतीय पंचवर्षीय योजना | panchvarshiya yojana in hindi | 13वीं पंचवर्षीय योजना | India Five Year Plan
पंचवर्षीय योजना क्या है: केंद्र सरकार के द्वारा हर पांच सालो के बाद पंचवर्षीय योजना को लागू किया जाता है। जिसके द्वारा देश के नागरिको के लिए आर्थिक वा सामजिक विकास को बढ़ाया जाता है, देखा जाए तो पंचवर्षीय योजना केंद्रीकृत और एकीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम हैं। जिसमे अब तक सरकार के द्वारा 12th Five Year Plans को जारी किया जा चूका है।
इन योजनाओ के द्वारा देश में रोजगार के अवसर प्रदान करना, कृषि विकास वा भौतिक संसाधनों का उपयोग कर उत्पादकता को बढ़ावा वा सुविधाएं उपलब्ध करना होता है। यदि आप भी पंचवर्षीय योजनाओ से जुडी सभी अहम् जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो हमने अपने इस लेख में सभी पंचवर्षीय योजनाओ के बारे में पूरी डिटेल में जानकारी दी है, जिसको आप आसानी से पढ़ सकते है।
Contents
जानिए पंचवर्षीय योजना का इतिहास
पंचवर्षीय योजनाओं का संचालन करने के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री स्व जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा भारतीय योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को किया गया था। वा 9 जुलाई 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना प्रस्तुत की गई थी। बता दे के पंचवर्षीय योजना आजादी के बाद भारत सरकार के द्वारा संसाधन के प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए अपनाई गई योजनाओं का एक औपचारिक मॉडल थी।
इन योजनाओ का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का उचित आवंटन, उत्पादन में वृद्धि तथा सभी के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध किए जाना था, तथा देश में रहने वाले सभी नागरिको के जीवन स्तर को उप्पर उठाना था। यह जिम्मेदारी भारत सरकार के द्वारा योजना आयोग को सौपी गई थी। बता दे के अब तक भारत देश में 13 पंचवर्षीय योजनाएं चलाई जा चुकी है।
panchvarshiya yojana
योजना का नाम | पंचवर्षीय योजना |
किनके द्वारा लागू की गई | भारत सरकार के द्वारा |
मुख्य उद्देश्य | नए रोजगार प्रदान करना एवं कृषि विकास, अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना |
लाभार्थी | सभी वर्ग (सामान्य,आरक्षित, अनुसूचित जाति) के लोग |
शुरुआत | 1951 |
पुरानी आधिकारिक वेबसाइट | planningcommission.gov.in |
नई आधिकारिक वेबसाइट | www.niti.gov.in |
पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य
पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य देश की विकास को बढ़ाना वा साथ ही देश में होने वाले निवेश को भी बढ़ाना है इसके अलावा पंचवर्षीय योजना के द्वारा आधुनिकीकरण, पूर्ण रोजगार, सामाजिक न्याय, गरीबी हटाना जैसी समस्याओ पर भी ध्यान दिया जाता है पंचवर्षीय योजना के माध्यम से सरकार के द्वारा उद्देश्य तय किए जाते है वा इन योजनाओ के द्वारा उन उद्देश्यों पर काम किया जाता है इन पंचवर्षीय योजनाओ के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधर आता है देखा जाए तो अब तक हमारे भारत देश में 13 पंचवर्षीय योजना चलाई जा चुकी हैं।
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प्रथम पंचवर्षीय योजना वर्ष 1951 से वर्ष 1956 तक
वर्ष 1951 में भारत देश के पहले प्रधानमंत्री स्व पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा पहली पंचवर्षीय योजना को आरंभ किया गया था। जिसका कार्यकाल वर्ष 1951 से वर्ष 1956 तक चला था। इस योजना को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग द्वारा विकसित और कार्यान्वित किया जाता है बता दे के पहली पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया था क्योंकि उस वक़्त खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। साथ ही सरकार के द्वारा पंचवर्षीय योजना के दौरान पाँच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई थी।
प्रथम पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- कम से कम अवधि में खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।
- शरणार्थियों का पुनर्वास करना।
- योजना के तहत कृषि को प्राथमिकता देना।
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना।
- इसके साथ- साथ इस योजना में सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया आरम्भ की गयी, जिससे राष्ट्रीय आय के लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना वर्ष 1956 से वर्ष 1961 तक
द्वितीय पंचवर्षीय योजना का का कार्यकाल वर्ष 1956 से वर्ष 1961 तक चला था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना के माध्यम से उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया गया था जिसमे औद्योगिक उत्पादों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया था। साथ ही देश में रहने वाले नागरिको के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए आने वाले पांच वर्षो में राष्ट्रीय आय में 25% की बढ़ोतरी करने का सरकार द्वारा लक्ष्यनिर्धारित किया गया था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना के उत्पादक क्षेत्रों के बीच निवेश के इष्टतम आवंटन निर्धारित क्रम में करने के लिए लंबे समय से चलाने के आर्थिक विकास को अधिकतम करने का प्रयास किया गया।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- देश में उत्पादकों के घरेलु उत्पादन को प्रत्साहित किया गया था।
- द्वितीय पंचवर्षीय योजना के दौरान इस्पात के तीन बड़े कारखाने खोले गए थे वा भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला का निर्माण किया गया।
- द्वितीय पंचवर्षीय योजना के तहत उद्योग को प्राथमिकता दी गयी थी।
- योजना एक बंद अर्थव्यवस्था है जिसमें मुख्य व्यापारिक गतिविधि आयात पूंजीगत वस्तुओं पर केंद्रित किया गया था।
तृतीय पंचवर्षीय योजना वर्ष 1961 से वर्ष 1966 तक
तृतीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1961 से वर्ष 1966 तक रहा जिसमे सरकार के द्वारा गेहू के उत्पादन पर सरकार के द्वारा ज्यादा जोर दिया गया था लेकिन इसी बीच वर्ष 1962 के संक्षिप्त भारत – चीन युद्ध अर्थव्यवस्था में कमजोरियों को उजागर और रक्षा उद्योग की ओर ध्यान स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही कई सीमेंट और उर्वरक संयंत्र भी बनाये गए वा पंजाब में गेहूं का बहुतायत उत्पादन शुरू किया गया। देखा जाए तो तृतीय पंचवर्षीय योजना में कृषि और गेहू के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया था।
तृतीय पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- योजना का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना वा साथ ही विदेशो में भी निर्यात करना था।
- सकल घरेलू उत्पाद (घरेलू उत्पाद) जिसका लक्ष्य 5.6 प्रतिशत की दर रखी गयी थी लेकिन हासिल 2.84 प्रतिशत की दर हो पाई।
- तृतीय पंचवर्षीय योजना में कृषि और गेहू के उत्पादन को बढ़ावा दिया गया था।
- नए उद्योग का विस्तार किया गया जिनमे सीमेंट, रासायनिक खाद्य वा कई और भी उद्योग शामिल थे।
चौथी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1969 से वर्ष 1974 तक
चौथी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1969 से वर्ष 1974 तक रहा इस समय स्व इंदिरा गाँधी जी प्रधानमंत्री थी इस योजना के अंतर्गत स्व इंदिरा गाँधी जी की सरकार के द्वारा 14 प्रमुख भारतीय बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया वा हरित क्रांति के द्वारा कृषि उन्नत हुई। वही 1971 चुनाव के समय इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ” का नारा दिया। साथ ही औद्योगिक विकास के लिए निर्धारित फंड के लिए युद्ध के प्रयास के लिए भेज दिया था।
चौथी पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- आत्मनिर्भरता की अधिकाधिक प्राप्ति
- चौथी पंचवर्षीय योजना के द्वारा आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी गयी थी।
- चौथी पंचवर्षीय योजना में विकास दर का लक्ष्य 5.7% रखा गया था लेकिन वास्तविकता में विकास दर केवल 3.3% ही प्राप्त कर सके थे।
- स्थिरता के साथ आर्थिक विकास।
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पांचवी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1974 से वर्ष 1979 तक
पांचवी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1974 से वर्ष 1979 तक रहा इस कार्यकाल में सरकार के द्वारा कृषि उत्पादन वा बचाव कार्य पर ज्यादा जोर दिया गया था। साथ ही 2 अक्टूबर 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना की गयी थी। साथ ही इस पांचवी पंचवर्षीय योजना के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक एवं क्षेत्रीय असमानता को कम करना वा गरीबी उन्मूलन के साथ आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था।
छठी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1980 से वर्ष 1985 तक
छठी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1980 से वर्ष 1985 तक रहा जिसको आर्थिक उदारीकरण के लिए आरंभ किया गया था। छठी पंचवर्षीय योजना को दो बार तैयार किया गया था पहले जनता पार्टी के द्वारा वर्ष 1978 से वर्ष 1983 की अवधि के लिए अनवरत योजना बनाई गई थी लेकिन वर्ष 1980 में स्व इंद्रा गाँधी जी की नै सरकार बनने के पश्चात इस योजना को समाप्त करके नई छठी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1980 से वर्ष 1985 तक के लिए लागू किया गया था इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में से गरीबी को खत्म करके रोजगार को पाने पर बल दिया गया था।
छठी पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- योजना का मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी का निवारण करना वा आर्थिक विकास, आधुनिकीकरण, वा सामाजिक न्याय स्थापित करना था।
- इस योजना के तहत मुद्रास्फीर्ति की दर 16.7% से घटकर सिर्फ 5% ही रह गयी थी।
सातवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 1985 से 1990 तक
सातवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1985 से वर्ष 1990 तक रहा जिसमे सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्पादन में बढ़ोतरी करना वा देश में रोजगार के अवसर पैदा करना था। इस योजना को कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयोजित किया गया था। जिसमे समाजवाद वा बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में प्रयासरत था। इस योजना में इंदिरा आवास योजना (1985-86), जवाहर रोजगार योजना (1989) और नेहरू रोज़गार योजना (1989) को लागू किया गया था।
सातवीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- समाज सेवई में उन्नति करना।
- देश में बढ़ती गरीबी को काम करना।
- देश में रह रहे ग्रामीणों को उन्नति की राह पर लाना।
- उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देना।
आठवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 1992 से 1997 तक
आठवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1992 से 1997 तक रहा था इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में रह रहे नागरिको से सम्बंधित विकास कार्य करना थे। जिनमे शिक्षा प्राप्र्त करने हेतु स्कूलों का निर्माण करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, शिक्षा से जुडी योजनाए आरंभ करना, वा सामाजिक विकास हेतु नई नीतियों को बनाना था। इसी दौरान प्रधानमंत्री योजना को भी आरंभ किया गया साथ ही ऊर्जा क्षेत्र को भी सरकार की और से 26.6% की प्राथमिकता दी गई। सरकार के द्वारा इस योजना का लक्ष्य 5.6% की दर रखा गया था लेकिन यह 6.8% की दर प्राप्त कर सकी देखा जाये तो यह योजना भी सफल रही।
आठवीं पंचवर्षीय के लक्ष्य यह थे
- शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना।
- देश के नागरिको का विकास ही इसका मुख्य कार्य बना।
- देश के 15 से 35 वर्ष की आयु वाले नागरिको में से निरक्षरता को खत्म करना।
- देश में विकास करने वाली संस्थाओ का निर्माण।
- योजना के अंतर्गत सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन को मजबूत करना।
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नवी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1997 से 2002 तक
नवी पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 1997 से 2002 तक रहा था। जिसका मुख्य उद्देश्य देश में विकास करना था नवी पंचवर्षीय योजना में पिछली 15 वर्ष पुरानी योजनाओ की निति को अपनाया गया था लेकिन यह योजना सभी आर्थिक विकास हेतु सफल नहीं हो सकी लेकिन सभी योजनाओ का उद्देश्य देश से गरीबी को ख़त्म करना, घरेलु संसाधनों द्वारा आत्मनिर्भर बनना, नए रोजगार के अवसर, मानव विकास, आदि जैसे कार्य को जारी रखा गया। साथ ही कृषि क्षेत्र ग्रामीण लोगो का विकास, शिक्षा हेतु निर्माण, साफ़ पीने का पानी,आदि सभी कार्य जारी रहे। इस योजना का लक्ष्य 6.5% की दर रखा गया था जो 5.5 % की दर प्राप्र्त हो पाई।
नवी पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- योजना का मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी को समाप्त करना, नागरिको को घरेलु संसाधनों के द्वारा आत्मनिर्भर बनाना वा नए रोजगार के अवसर पैदा करना था।
- देश के ग्रामीण क्षेत्रों को और अधिक मजबूत बनाना था।
- देश की प्राथमिक संस्थाओ को उचित वा सही तरीके से उपयोग करना।
दसवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 2002 से 2007 तक
दसवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 2002 से 2007 तक रहा था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की बढ़ती गरीबी को पूरी तरह ख़त्म करना था वा देश के नागरिको के लिए रोजगार के नए अवसर को बनाने का लक्ष्य था। साथ ही देश में रहने वाले नागरिको की आय को बढ़ा कर देश की प्रगति को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम था।
दसवीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- ऐसी जगहों पर नागरिको को रोजगार दिए गए जो अविकसित थी जिससे नागरिक आत्मनिर्भर बन सके
- वर्ष 2007 में शिक्षा को एक अलग ही मुकाम दिया गया
- अबतक की पंचवर्षीय योजनाओ में सबसे अधिक ध्यान कृषि विकास वा ज्यादा खर्च ऊर्जा पर किया गया
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 2007 से 2012 तक
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 2007 से 2012 तक रहा योजना का मुख्य एकमात्र उद्देश्य देश में विकास की गति को बढ़ाना था इस योजना को उस वक़्त के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी थे वा योजना की प्लानिंग चक्रवर्ती रंगराजन जी के द्वारा की गई थी। योजना के अंतर्गत वर्ष 2012 में देश की सभी नदियों वा जल क्षेत्रों को साफ़ करने का निर्णय लिया गया था जिसमे योजना का बजट 71731.98 करोड़ रुपये रखा गया था। इस 11वी पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 8.1% की दर रखा गया था लेकिन इसकी वृद्धि 7.9% की दर तक हुई।
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बारहवीं पंचवर्षीय योजना वर्ष 2012 से 2017 तक
बारहवीं पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल वर्ष 2007 से 2012 तक रहा योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण वा शहरी विकास के लिए ऊर्जा, उद्योग, कृषि, संचार एवं परिवहन जैसी सुविधाओं को देने की शुरुवात की गई साथ ही योजना में सामाजिक कार्य, शिक्षा, कृषि, उद्योग, ऊर्जा, पर ज्यादा जोर दिया गया। देश में होने वाले आर्थिक विकास के लिए प्रतिवर्ष 10% का लक्ष्य रखा गया था।
बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य यह थे
- देश के हर क्षेत्र में पिने योग्य पानी को उपलब्ध कराना
- समाज वा भ्रूण लिंग में बढ़ती असमानता को ख़त्म करना
- ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहा बिजली नहीं है उन क्षेत्रों तक वर्ष 2017 तक बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना
- शहरी वा ग्रामीण नागरिको को बैंकिंग की सुविधा हेतु जागरूक करना
Note:- वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के पश्चात योजना आयोग को ख़त्म कर दिया गया था बता दे के योजना आयोग की देख रेख में ही पंचवर्षीय योजना चलाई जाती थी योजना आयोग को ख़त्म करने के पश्चात मोदी सरकार के द्वारा वर्ष 2015 में निति आयोग का गठन किया गया था।
तेरहवी पंचवर्षीय योजना
जैसा की हमने आपको बताया के वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के पश्चात योजना आयोग को ख़त्म कर दिया गया था वा वर्ष 2015 में निति आयोग का गठन किया गया था तो ऐसे में तेरहवी पंचवर्षीय योजना नहीं बनाई जाएगी बारहवीं पंचवर्षीय योजना के पश्चात निति आयोग के द्वारा एक ड्राफ्ट एक्शन प्लान पेश किया था जिसमे 15 साल का लॉन्ग टर्म विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इस विजन डॉक्यूमेंट में सात साल की रणनीति बनाई गई है वा साथ ही 3 साल का एक्शन एजेंडा पेश किया गया है जिसमे बताया गया है आने वाले समय में सरकार के द्वारा देश के नागरिको के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं वा योजनाए लाने वाली है।
निति आयोग के द्वारा 15 साल के लॉन्ग टर्म विजन
निति आयोग के द्वारा बनाए गए लक्ष्यों से सरकार को देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए मदद मिलेगी जीसे देश सुरक्षित वा स्वच्छ होगा, देश में फैले भ्रष्टाचार को ख़त्म करने में मदद मिलेगी देश के हर ग्रामीण वा पिछड़े क्षेत्रों के नागरिको को बिजली की सुविधाएं उपलब्ध कराइ जाएगी पर्यावरण साफ़ वा स्वच्छ होगा। इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा यह प्लान बनाए गए है।