MLA Salary List: जानिए इन राज्यों के विधायकों को मिलती है इतनी सैलरी, और साथ ही कई सुविधाएं

MLA Salary: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश है, जहा एक राज्य के विधायी निकाय को राज्य विधानसभा कहा जाता है। जैसे केंद्र सरकार के पास विधायी निकाय के रूप में संसद होती है। वैसे ही राज्य के पास अपनी-अपनी राज्य विधानसभा होती है। यहाँ उम्मीदवार संसद की ही तरह हर 5 सालो में होने वाले चुनावो को जीत कर ही यहाँ पहुँचता है। संसद के द्वारा पारित कानून पुरे देश में लागू किया जाता है, वही दूसरी और विधानसभा द्वारा पारित कानून सिर्फ उनके राज्यों में ही लागू किया जाता है।

यदि हम आसान शब्दों में समझे तो एक सदनीय विधानमंडल का अर्थ विधानसभा से होता है। वही द्विसनीय प्रणाली में किसी विधानसभा के अलावा विधान परिषद भी होता है, जिसे हम सभी नींम सदन वा उच्च सदन के नाम से जानते है। वही जम्मू वा कश्मीर का राज्य का दर्जा ख़त्म होने के बाद भारत में अब 28 राज्य वा 8 केंद्र शासित प्रदेश है। साथ ही 6 राज्यों में द्विसनीय राज्य विधायिका है।

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जानिए विधायक क्या होता है

जैसा की हम सभी जानते है विधानसभा विधायकों के द्वारा बना एक संवैधानिक ढांचा है। देखा जाए तो सीधे तौर पर एक प्रतिनिधि निर्वाचन क्षेत्र के लोगो के द्वारा चुना जाता है। जिससे वह विधानसभा का सदस्य बनता है। विधायक 5 साल के लिए चुने जाते है। एक उम्मीदवार किसी पार्टी के द्वारा या स्वतंत्र रूप से विधानसभा चुनाव में भाग ले सकता है।

किसी राज्य में कम तो किसी राज्य में ज्यादा है सैलरी

देखा जाए तो भारत के हर राज्य में विधायकों को अलग-अलग सैलरी मिलती है, जिसमे किसी राज्य के विधायक की सैलरी कम होती है, तो किसी राज्य के विधायक की सैलरी देश के प्रधानमंत्री की सैलरी से भी ज्यादा होती है।

तेलंगाना राज्य देश के टॉप राज्य में आता है जहा के विधायकों की सैलरी और भत्ता को मिला दिया जाए तो उन्हें करीब 2.50 लाख रूपए प्रतिमाह मिलते है। वैसे उनकी सैलरी सिर्फ 20,000 हजार है लेकिन सरकारी भत्तों के तौर पर उन्हें 2,30,000 हजार रूपए दिए जाते है। वही सबसे काम सैलरी पाने वाले विधायक त्रिपुरा राज्य के होते है। इन्हे प्रतिमाह 34,000 हजार की सैलरी मिलती है।

जानिए भत्ते सहित विधायकों की सैलरी

  1. तेलंगाना 2.50 लाख प्रति महीना।
  2. महाराष्ट्र 2.32 लाख प्रति महीना।
  3. दिल्ली 2.10 लाख प्रति महीना।
  4. उत्तर प्रदेश 1.87 लाख प्रति महीना।
  5. जम्मू & कश्मीर 1.60 लाख प्रति महीना।
  6. उत्तराखंड 1.60 लाख प्रति महीना।
  7. आंध्रा प्रदेश 1.30 लाख प्रति महीना।
  8. हिमाचल प्रदेश 1.25 लाख प्रति महीना।
  9. राजस्थान 1.25 लाख प्रति महीना।
  10. गोवा 1.17 लाख प्रति महीना।
  11. हरियाणा 1.15 लाख प्रति महीना।
  12. पंजाब 1.14 लाख प्रति महीना।
  13. झारखण्ड 1.11 लाख प्रति महीना।
  14. मध्यप्रदेश 1.10 लाख प्रति महीना।
  15. छत्तीसगढ़ 1.10 लाख प्रति महीना।
  16. बिहार 1.14 लाख प्रति महीना।
  17. पश्चिम बंगाल 1.3 लाख प्रति महीना।
  18. तमिलनाडु 1.05 लाख प्रति महीना।
  19. कर्नाटका 98 हजार प्रति महीना।
  20. सिक्किम 86.5 हजार प्रति महीना।
  21. केरल 70 हजार प्रति महीना।
  22. गुजरात 65 हजार प्रति महीना।
  23. ओडिशा 62 हजार प्रति महीना।
  24. मेघालय 59 हजार प्रति महीना।
  25. पुंडुचेरी 50 हजार प्रति महीना।
  26. अरुणांचल प्रदेश 49 हजार प्रति महीना।
  27. मिजोरम 47 हजार प्रति महीना।
  28. असम 42 हजार प्रति महीना।
  29. मणिपुर 37 हजार प्रति महीना।
  30. नागालैंड 36 हजार प्रति महीना।
  31. त्रिपुरा 34 हजार प्रति महीना।

नोट:- हमने इस लिस्ट में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू & कश्मीर, वा पुंडुचेरी को भी शामिल किया है। साथ ही कुछ विधायकों की सैलरी वा भत्तों में कुछ बदलाव हो सकते है।

सैलरी वा भत्तों के अलावा ये सुविधाएं भी मिलती है

इन सब सुविधाओं के अलावा एक विधायक को कई अन्य सुविधाएं मिलती है जैसे, यूपी राज्य में एक विधायक को विधायक निधि के रूप में अपने 5 सालो के कार्यकाल में 7.5 करोड़ रूपए खर्च करने को मिलते है। इसके अलावा विधायक को 5 सालो में 200 हैडपम्प लगाने की अनुमति मिलती है। जिसमे 1 हैंडपंप लगवाने का खर्चा करीब 50 हजार रूपए आता है। इसके अलावा रहने के लिए सरकारी आवास, मेडिकल सुविधा, यात्रा भत्‍ता, एक व्‍यक्ति के साथ ट्रेन में फ्री यात्रा और कार्यकाल ख़त्म होने के बाद विधायक को हर महीने 30 हजार रुपये पेंशन भी मिलती है।

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