भारत में आपने कई वीवीआईपी लोगो की सुरक्षा में तैनात ब्लैक कलर के कपड़ो में कमांडो को तो देखा ही होगा यह भारत के सबसे खतरनाक ब्लैक कैट कमांडो (Black Cat Commando) होते है। ब्लैक कमांडो की ड्यूटी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रमुख केंद्रीय मंत्री के अलावा अन्य वीवीआईपी लोगो की सुरक्षा में लगी होती है।
इन सब के अलावा देश की सुरक्षा करने के लिए आतंकी हमलो जैसी मुश्किल परिस्थिति में भी ब्लैक कैट कमांडो के ही द्वारा आपरेशन को अंजाम दिया जाता है। ब्लैक कैट कमांडो मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी लोगो की जान बचा सकते है। 26/11 आतंकी हमले में भी इन जवानो ने ही सबसे आखिरी में मोर्चा संभाला था। इन जवानो के द्वारा सर से लेकर पाँव तक ब्लैक कपडे पहने होते है इसलिए इन्हे ब्लैक कमांडो कहा जाता है।
वैसे बता दे के ब्लैक कैट कमांडो हर कोई नहीं बन सकता उसके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। फिर भी आइये जानते है ब्लैक कमांडो NSG फोर्स में किस तरह शामिल हो सकते है। इनकी ट्रेनिंग किस तरह की होती है, वा इन्हे सैलरी कितनी मिलती है।
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जाने NSG ब्लैक कैट कमांडो को

जिन्हे हम ब्लैक कमांडो कहते है, वह नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कहलाते है। जो की गृह मंत्रालय के सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बालो में से एक है। यह नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) होते है जिसका गठन वर्ष 1984 में किया गया था। ताकि देश के विशिष्ट लोगो की रक्षा की जाए। बता दे के इन कमांडो की सीधी भर्ती एनएसजी में नहीं होती है।
इसकी ट्रेनिंग के लिए भारतीय सेना वा अर्धसैनिक बलों के सर्वश्रेष्ठ जवानो को चुना जाता है। ब्लैक कैट कमांडो की ट्रेनिंग बहुत ज्यादा कठिन होती है। NSG में चुने जाने वाले कमांडो में 53% कमांडो भारतीय सेना से चुने जाते है। बाकी 45% सीआरपीएफ, आरटीबीपी, आरएएस वा बीएसएफ़ से चुने जाते है। NSG में भाग लेने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 10 साल सेना में काम करना होता है।
एक हफ्ते की कठोर ट्रेनिंग
बता दे के NSG में एक कमांडो का चुनाव कई चरणों के बाद किया जाता है। कमांडो बनने आए उम्मीदवारों को एक हफ्ते की कठोर ट्रेनिंग दी जाती है, यह ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है के करीब 80% सैनिक एक हफ्ते बाद ही या तो फ़ैल हो जाते है या ट्रेनिंग छोड़ कर चले जाते है। मात्र 20% सैनिक ही आगे की ट्रेनिंग लेने में सफल होते है। इन 20% जवानो को 90 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमे सेनिको को हथियारों के साथ वा बिना हथियारों के लड़ना की ट्रेनिंग दी जाती है।
इस ट्रेनिंग के दौरान सेनिको को आग के गोले वा गोलियों की बौछारों के बीच से बचकर निकलना होता है। NSG की इन तीन महीनो की कठिन ट्रेनिंग को पास करने वाले सैनिक देश के सबसे ताकतवर वा खतरनाक में शामिल होने के योग्य बनते है।
हर परिस्थिति से बच निकलना
NSG द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग को पूरा करके एक आम सैनिक ब्लैक कैट कमांडो बन जाता है। इस फिजिकल ट्रेनिंग के लिए सैनिक की उम्र 35 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस ट्रेनिंग में सबसे पहले फिजिकल और मेन्टल टेस्ट किए जाते है। यह 12 हफ्तों तक चलने वाली सबसे कठिन ट्रेनिंग होती है, जिसमे शुरुआत में जवानो में 30% से 40% फिटनेस योग्यता होती है जो की ट्रेनिंग ख़तम होने तक करीब 90% तक हो जाती है।
ब्लैक कैट कमांडो की ट्रेनिंग इतनी कठोर होती है के उन्हें एक गोली से एक जान लेने जैसी ट्रेनिंग दी जाती है। वही कमांडो को अँधेरे में गोली चलाने के साथ आँखों पर पट्टी बांध कर निशाना लगाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
इसके अलावा NSG ड्राइवर चुनने के लिए अलग से प्रक्रिया बनाई जाती है। जिसमे सेनिको को खतरनाक रास्तो, बारूदी सुरंगो वा हमलावरों से घिर जाने की स्थिति में बचकर निकलने की ट्रेनिंग दी जाती है। इन कमांडो को बैटल असाल्ट ऑब्सक्टल कोर्स और सीटीसीसी काउंटर टेररिस्ट कंडिशनिंग कोर्स की भी ट्रेनिंग दी जाती है। सबसे आखरी में सेनिको का मनोवैज्ञानिक टेस्ट होता है।
जानिए कितनी मिलती है एक ब्लैक कैट कमांडो को सैलरी
जितनी मुश्किल यह नौकरी है उतनी ही अच्छी इसकी सैलरी है। कमांडो को एक IAS वा PCS ऑफिसर के जितनी सैलरी मिलती है। वहीं, इनका औसत वेतन प्रतिमाह लगभग डेढ़ लाख रुपए मिलता है। इनकी सैलरी इनकी फील्ड नियुक्ति पर निर्भर करती है। एनएसजी में ऑपरेशन ड्यूटी पर आने वाले ऑफिसर्स को 27,800 रुपए सालाना और नॉन ऑपरेशनल ड्यूटी करने वाले जवानों को सालाना 21,225 रुपए का ड्रेस भत्ता भी मिलता है। इसके अलावा इन्हें कई तरह की सुविधाएं और भत्ते भी दिए जाते