Chandigarh Kare Aashiqui Review in Hindi: आयुष्मान खुराना और वाणी कपूर

हम आये दिन कई सारी प्रेम कहानियो पर आधारित फिल्मे देखते हैं जिसमे अधिकतर लव स्टोरीज में एक जैसी चीजे दिखाई जाती हैं जैसे की पहले लड़का और लड़की मिलते हैं। उनके बिच में थोड़ा रोमांस होता है और उसके बाद नाराजगी होती है। फिर झगड़े होते हैं। पैचअप होता है और ब्रेकअप होता है और अंत में कहानी खत्‍म हो जाती हैं। लेकिन Chandigarh Kare Aashiqui मूवी में कुछ अलग तरह का मशाला डाला गया हैं जिससे यह मूवी मशालेदार हैं।

चंडीगढ़ करे आश‍िकी कहानी

चंडीगढ़ करे आश‍िकी मूवी के अंदर आयुष्मान खुराना ने मनविंदर मुंजल उर्फ मनु नाम से अपना रोल अदा किया हैं। मनु फिटनेस फ्रिक हैं और बॉडीबिल्डर लोकल चैंपियनशिप जितने के लिए दिल लगा कर मेहनत कर रहा हैं। अपने गोल को लेकर मनु बहुत फोकस हैं। हालांकि, जिम बिज़नेस में मनु को थोड़ा घाटा भी हो रहा होता हैं क्योकि उसके जिम में जयदा लोग नहीं आ रहे होते हैं। तभी मनु की किश्मत जागती हैं और मानवी बरार (वाणी कपूर) की एंट्री होती है। वह जिम में जुम्‍बा इंस्‍ट्रक्‍टर बनकर आती हैं। मानवी बरार के आते ही जिम के अंदर लोग आना शुरू हो जाते हैं और जिम सही से चलने लग जाती हैं। और इसके बाद मनु और मानवी के दिल एक दूसरे से मिलते हैं। लेकिन मानवी के जीवन में इसके अलावा भी कुछ चीज़े होती हैं। इसके बाद कहानी एक नया मोड़ लेती हैं।

Chandigarh Kare Aashiqui Review in Hindi

ऐक्टरआयुष्‍मान खुराना,वाणी कपूर,तान्‍या अबरोल
डायरेक्टरअभ‍िषेक कपूर
केटेगरी ऑफ़ मूवीHindi, Romance, Drama
अवधि2 Hrs 1 Min

Chandigarh Kare Aashiqui में लड़की का कुछ पास्ट होता हैं जो कहानी में एक नया मोड़ लेकर आता हैं। मनु एक माचो मैन है और वही पर मानवी एक बिंदास और बेधड़क किरदार है, जिसने पूरी हिम्‍मत के साथ अपनी जिंदगी को ‘बदला’ है। वह अब वो बनी है, जो वह बनना चाहती है। वह इस नई पहचान को लेकर गर्व भी महसूस करती है। यह खुद की ‘असलियत’ को स्‍वीकार करने के साहस की भी कहानी है। लेकिन क्या समाज और उसका परिवार उसकी इस ‘पसंद’ को स्वीकार करेगा? क्‍या अपनी सामान्य दुनिया में अब ‘सामान्य नहीं’ रहेगी?

डायरेक्टर अभिषेक कपूर मनु के दोस्तों और परिवार से मिलवाने के बाद दर्शको को सीधे मानवी की दुनिया में लेकर चलते हैं। और बड़े ही बेहतरीन तरीके से मानवी के पास्ट का खुलासा करते हैं। इस मूवी के अंदर ज़्यदा ड्रामा भी नहीं हैं। डायरेक्टर ने इस मूवी में गंभीर मुद्दा भी उठाया हैं। सुप्रतीक सेन और तुषार परांजपे ने स्‍क्रीनप्‍ले और डायलॉग्‍स पर बढ़‍िया काम किया है। कई सीन्‍स में यह बेहतरीन है। फिर चाहे, मुंजल परिवार का मनु पर शादी के लिए दबाव डालना हो, उसके विधुर पिता (गिरीश धमीजा) का मुस्लिम प्रेमिका से शादी करने का इंतजार हो, मानवी के पिता (कंवलजीत सिंह) का बेटी के पसंद को सपोर्ट करना हो, या फिर मनु की बहनों का उनके हर मामले में दखल देना हो… हर सीन में स्‍क्रीनप्‍ले टाइट है और यह आपको बांधे रखता है।

आयुष्‍मान खुराना ने एक बार फिर पर्दे पर अपने किरदार को जीने का काम किया है। रोल के लिए उनका ट्रांसफॉर्मेशन और इसके लिए उनकी मेहनत झलकती है। उन्‍होंने मनु के किरदार को खूब एंजॉय किया है। चंडीगढ़ के लड़के के रोल में आयुष्‍मान की चाल-ढ़ाल सबकुछ दिल जीत लेती है। वाणी कपूर ने शुरू से अंत तक अपने किरदार में एक फ्लो को मेंटेन रखा है। कई मौकों पर वह बाकी सभी किरदारों पर भारी पड़ती हैं। वाणी और आयुष्‍मान की केमिस्‍ट्री भी जबरदस्‍त है।

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