राज्य के औद्योगिक विकास में खनिज संसाधन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खनिज उपलब्धता की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश का चौथा खनिज सम्पन्न राज्य है। विकास की आवश्यकता के अनुसार औद्योगिक विकास के साथ-साथ खनिजों की मांग भी बढ़ती है।
खनिज संसाधन विभाग द्वारा विधि द्वारा मान्य नियमावली के अन्तर्गत खनिजों के दोहन पर संरक्षण, अन्वेषण एवं सतत अनुश्रवण के माध्यम से निरन्तर कार्य किया जा रहा है। खनिज संसाधन विभाग के अधीन गठित मध्यप्रदेश खनन निगम द्वारा भी कुछ खनिजों का दोहन किया जा रहा है।
विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे कार्यों से राज्य के राजकोषीय राजस्व में निरन्तर वृद्धि हो रही है तथा नवीन खनिज भण्डारों की खोज के मार्ग भी प्रशस्त हो रहे हैं। वर्ष 2013-14 तक खनिज राजस्व रु. राज्य कोष में 1721.95 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं।

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विभागीय संरचना और अधीनस्थ कार्यालय
खनिज संसाधन विभाग के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में भूविज्ञान एवं खनिकर्म निदेशालय, मध्य प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य खनन निगम कार्य कर रहे हैं। भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय का मुख्यालय भोपाल में स्थित है। विभाग के अधीन जबलपुर, इंदौर, रीवा, ग्वालियर में चार क्षेत्रीय कार्यालय तथा पन्ना में एक हीरा कार्यालय स्थित है। सभी 50 जिलों में खनन शाखाएं कलेक्टरों के निर्देशन में कार्य कर रही हैं।
एवं क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के अधीन एक विभागीय रसायन प्रयोगशाला कार्यरत है। मध्य प्रदेश राज्य खनन निगम का मुख्यालय भोपाल में स्थित है। निगम के अंतर्गत जबलपुर, कटनी, मंडला, सागर, टीकमगढ़, होशंगाबाद, हरदा, सतना, धार, झाबुआ, मुरैना, शिवपुरी, डबरा (ग्वालियर) में 13 अनुषंगी कार्यालय स्थित हैं।
विभाग के उत्तरदायित्व और विभाग से संबंधित सामान्य जानकारी
दिनांक 01/01/2014 की स्थिति के अनुसार खनिज संसाधन विभाग के अधीन कार्यरत भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय के अंतर्गत खनिज अन्वेषण एवं प्रशासनिक कार्य विभाग में कुल स्वीकृत 841 पदों में से 570 पद भरे हुए हैं और शेष 271 पद रिक्त हैं. . विभाग द्वारा निभाये जा रहे उत्तरदायित्व इस प्रकार हैं:
- खनिज अन्वेषण
- खनन प्रशासन
खनिज अन्वेषण
विभाग के तकनीकी कर्मचारी जैसे उप निदेशक (तकनीकी), सहायक भूविज्ञानी और अन्य तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारी खनिज अन्वेषण के कार्य में लगे हुए हैं। राज्य भूवैज्ञानिक बोर्ड द्वारा विभागीय अन्वेषण की रूपरेखा तैयार की जाती है। केंद्र सरकार की अन्वेषण एजेंसियां जो राज्य में काम कर रही हैं जैसे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय खनन ब्यूरो, कोल इंडिया लिमिटेड, खनिज अन्वेषण निगम, और अन्य सरकारी विभाग और उपक्रम इस बोर्ड के सदस्य हैं।
राज्य भूवैज्ञानिक बोर्ड की 47वीं बैठक दिनांक 29/09/2013 को सचिव, मध्यप्रदेश खनिज संसाधन विभाग की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में खनन क्षेत्र में निवेश करने वाली प्रमुख कंपनियों और शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया था। भूविज्ञान एवं खनन निदेशालय एवं अन्य केन्द्रीय उपक्रमों द्वारा वर्ष 2013-14 में किये जाने वाले विभिन्न खनिजों के सर्वेक्षण एवं पूर्वेक्षण से संबंधित क्षेत्रीय कार्यक्रम को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान कर दी है।
विभाग द्वारा अनुमानित खनिज भण्डारों पर प्रतिवेदन निर्धारित शुल्क जमा कर आम जनता को उपलब्ध कराया जाता है। पिछले पांच वर्षों (2007-08 से 2011-12) में की गई उपलब्धियों और अन्वेषण कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट – “ख” – एक, और परिशिष्ट – 1 खंड – दो में दिखाया गया है।
खनन प्रशासन
खनन प्रशासन के अधीन राज्य में खनिज दोहन पर नियमानुसार नियंत्रण, नवीन आवेदनों का निस्तारण एवं स्वीकृत खनिज छूटों का नियमन विभाग के विभिन्न कार्यालयों में पदस्थापित कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। खनन प्रशासन को और मजबूत करने के लिए विभाग में जिला स्तर पर ‘खनिज भवन’ का निर्माण किया जा रहा है।
खनिज भवन का अब तक निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद 27 जिलों में जिला कार्यालयों का संचालन किया जा रहा है. 18 जिलों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। 2 जिलों (होशंगाबाद और गुना) में नए कलेक्टर कार्यालयों के साथ संयुक्त रूप से निर्माण किया जाएगा। वहीं शेष 3 जिलों में भवन निर्माण के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है.
विभाग के उत्तरदायित्व और विभाग से संबंधित सामान्य जानकारी
खनिज समृद्धि की दृष्टि से यह राज्य देश के 8 खनिज संपन्न राज्यों में से एक है। वर्तमान में राज्य में 20 प्रकार के खनिजों का उत्पादन किया जा रहा है। देश में हीरा उत्पादन में एकाधिकार होने के साथ-साथ मैंगनीज, पायरोफिलाइट और कॉपर अयस्क उत्पादन में भी राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा डायस्पोर, रॉक-फॉस्फेट, शेल और फायर क्ले के उत्पादन में राज्य दूसरा और चूना पत्थर और गेरू के उत्पादन में तीसरा स्थान रखता है। राष्ट्रीय परिदृश्य में कोयला उत्पादन में राज्य का चौथा स्थान है।
ई खानिज एमपी – अंतरराज्यीय ट्रांजिट पास की प्रक्रिया (https://ekhanij.mp.gov.in/)

- अन्तर स्टेट ट्रांजिट पास पाने के लिए आपको पहले https://ekhanij.mp.gov.in/ पर जा कर पंजीकरण करना होगा।
- पंजीकरण करने के लिए पहले इस लिंक पर जाए और वह पर पूछे हुए पूरी जानकारिया भर कर सबमिट कर दे।
- सबमिट बटन पर क्लिक करते हे आपके रेजिस्ट्रेड मोबाइल नंबर पे यूजर आईडी और पासवर्ड आ जाएगा जिसके सहायता से आप लॉगिन कर सकेंगे।
- अब आपको दूसरे पेज पर मात्रा बतानी होगी जोकि क्यूबिक टन में होगी।
- और मात्रा बताते हे आपको भुगतान करने का विकल्प आ जाएगा और और फिर आपको भुगतान कर के अगले विकल्प पे चले जाना होगा जो की है “Generate Pass”.
- फिर जैसे हे आप उस विकल्प पर पहुंचेंगे आपको काफी सारी जानकारिया भरनी होगी और उसके बाद आपको सबमिट बटन पर क्लिक कर देना होगा और फिर आप अपना पास जेनेरेट कर सकते हो।