Fasal Sahayata Yojana: केंद्र वा राज्य सरकारों की और से किसानो की सहायता के लिए समय-समय पर कई लाभकारी योजनाओ को शुरू किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानो को सहायता पहुँचाना होता है। इसी कड़ी में एक योजना और जुड़ गई है, जिसका नाम Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana है, वा इसका मुख्य उद्देश्य किसानो को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई करना है।
भारत में हर साल ज्यादा बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल को नुकसान पहुंचता है। इस तरह की आपदा के लिए बिहार राज्य सरकार की और से किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फसल नुकसान का मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में किसानो को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।
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जानिए क्या है फसल सहायता योजना

सरकार के द्वारा किसानो के लिए फसल बीमा योजना देश में लागू की गई है, जिसके तहत किसानो को फसल नुकसान की भरपाई की जाती है। इस योजना की तर्ज पर बिहार राज्य सरकार की और से फसल सहायता योजना को शुरू किया गया है। इस योजना में किसानो की फसलों का बीमा किया जाता है, वा प्राकर्तिक आपदा से फसल ख़राब होने पर मुआवजा दिया जाता है।
कई राज्य ऐसे है जिनके द्वारा पीएम फसल बीमा योजना को अपने राज्य में लागू नही किया है। वह अपने स्तर पर कई तरह की फसल बीमा योजना संचालित करते है वा योजना के अनुरूप किसानो को होने वाले नुकसान की भरपाई करते है। इन राज्यों में बिहार राज्य भी शामिल है जो अपने राज्य के किसानो को फसल नुकसान मुआवजा देता है। मुआवजा पाने के लिए किसानो को बोई गई फसल का पंजीयन कराना पड़ता है।
इस फसलों का करा सकते है पंजीयन
Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana में राज्य में उपजाई जाने वाली मुख्य फसलों को शामिल किया गया है। फसल सहायता योजना के तहत रबी मकई, अरहर, गेहू, मसूर, आलू, चना, राई-सरसो, प्याज वा ईख की फसलों को शामिल किया गया है, किसान इन फसलों का अभी पंजीयन करा सकते है।
नुकसान पर कितना मिलेगा मुआवजा
बिहार राज्य सरकार फसल सहायता योजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा राशि राज्य के किसानो को प्रदान करेगी। राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि प्राकृतिक आपदा के द्वारा 20 प्रतिशत फसल का नुकसान होने पर 7,500 रूपए प्रति हैक्टेयर तथा 20 प्रतिशत से अधिक फसल के नुकसान होने पर 10,000 रुपए प्रति हैक्टेयर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।
इन तारीखों पर कर सकते है पंजीयन
फसल सहायता योजना के तहत अलग-अलग फसलों के पंजीकरण के लिए अलग-अलग तारीख निर्धारीत की गयी है, जो इस प्रकार है।
- राई-सरसों- 31 दिसंबर 2021
- चना- 31 जनवरी 2022
- आलू- 31 जनवरी 2022
- प्याज- 15 फरवरी 2022
- मसूर- 15 फरवरी 2022
- रबी मकई- 26 फरवरी 2022
- गेहूं – 26 फरवरी 2022
- ईख / गन्ना- 28 फरवरी 2022
- अरहर- 28 मार्च 2022
बिना किसी शुल्क के होगा फसलों का बीमा
Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana के तहत रैयत वा गैर रैयत दोनों तरह के किसान अपना पंजीयन करा सकते है। पंजीयन करने के लिए किसानो को किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह पूरी तरह से निशुल्क है। किसानो को फसल सहायता योजना के तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक नुकसान की भरपाई की जाएगी।
फसल सहायता योजना में पंजीयन हेतु जरुरी दस्तावेज
बिहार फसल सहायता योजना के तहत रैयत तथा गैर रैयत दोनों प्रकार के किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए रैयत तथा गैर रैयत किसानों को निम्न अनुसार दस्तावेज की आवश्यकता होगी।
- आवेदनकर्ता का आधार कार्ड
- आवेदनकर्ता का बैंक खाते का विवरण
- आवेदनकर्ता का मोबाइल नंबर
- आवेदनकर्ता का पासपोर्ट साइज फोटो
रैयत किसान के लिए
- स्वघोषणा प्रमाण पत्र
- भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र
- स्व- घोषणा-पत्र (चयनित फसल एवं बुवाई का रकबा का सही और पूर्ण विवरण)
- रैयत भूस्वामी का प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद (31 मार्च 2021 के पश्चात निर्गत) FarmerSelfDeclaration.pdf यहां से घोषणा पत्र के लिए फार्म डाऊनलोड करें।
गैर रैयत किसानों के लिए
- स्वघोषणा प्रमाण पत्र
किस तरह करे फसल सहायता योजना में पंजीयन
बिहार राज्य के किसान सहायता योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा ऑनलाइन करा सकते हैं। जिसके लिए किसान को पास के सीएससी सेंटर जाना होगा या खुद से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्वयं ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट pacsonline.bih.nic.in जाकर आपको आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन से पहले किसान के पास 13 नंबर की पंजीयन संख्या होना जरूरी है, जो कि किसान dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीकरण कर प्राप्त कर सकते हैं।
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