परम्परागत कृषि विकास योजना 2022: सरकार द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके लिए सरकार ने Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) का शुभारंभ किया है। बता दे के परम्परागत खेती की तुलना में जैविक खेती सेहत के लिए कही ज्यादा लाभकारी होती है।
साथ ही जैविक खेती में कम कीटनाशकों का उपयोग होता है। वा जैविक खेती भूजल और सतह के पानी में नाइट्रेट की लीचिंग को भी कम करती है। इस योजना के द्वारा किसानों को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से परम्परागत कृषि विकास योजना 2022 के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है, तो चलिए शुरू करते है।
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जानिए क्या है परम्परागत कृषि विकास योजना 2022

इस योजना को सॉइल हेल्थ योजना के अंतर्गत आरंभ किया गया है, इस योजना के द्वारा जैविक खेती करने के लिए किसानो को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही सरकार भी आर्थिक रूप से आपकी सहायता करेगी, इस योजना के माध्यम से पारम्परिक ज्ञान वा आधुनिक विज्ञानं के माध्यम से जैविक खेती के स्थाई मॉडल को विकसित किया जा सकेगा।
परम्परागत कृषि विकास योजना 2022 का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना को सन 2015-16 में रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया था।
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परम्परागत कृषि विकास योजना को शुरू करने का उद्देश्य
इस योजना को शुरू करने के पीछे किसानो को जैविक खेती करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में भी लाभकारी साबित होगी। इस योजना के द्वारा रासायनिक मुक्त वा पौष्टिक भोजन का उत्पादन हो सकेगा क्योकि जैविक खेती में कम कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। जिससे देश के नागरिको की सेहत में भी सुधार होगा। इस योजना को जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी आरंभ किया गया है।
परम्परागत कृषि विकास योजना
योजना का नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
किनके द्वारा आरंभ की गई | भारत सरकार के द्वारा |
उद्देश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
वित्तीय सहायता | 50,000 रूपए |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
लाभार्थी | देश के किसान |
साल | 2022 |
आधिकारिक वेबसाइट | pgsindia-ncof.gov.in |
किसानो को योजना के तहत आर्थिक सहायता
इस योजना के माध्यम से किसानो को 50,000 रूपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 3 वर्षो के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। जिसमे क्षमता निर्माण, क्लस्टर निर्माण, आदनो के लिए प्रोत्साहन, विपरण और मूल्यवर्धन जैसे कार्य शामिल है। साथ ही 3 वर्षो तक जैविक पदार्थ जैसे कीटनाशक, उर्वरक, बीजो आदि खरीदने के लिए 31,000 रूपए प्रति हेक्टेयर प्रदान किया जाता है।
इसके अलावा मूल्यवर्धन और विपरण के लिए 8,800 रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के माध्यम से पिछले 4 सालो में अभी ता 1197 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। इस योजना में क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए 3 वर्षों के लिए तक 3,000 प्रति हेक्टेयर वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। जिसमे एक्स्पोज़र विजिट वा फील्ड कर्मियों के प्रशिक्षण शामिल है। इस राशियों को किसानो के खातों में डायरेक्ट वितरित की जाती है।
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जानिए इस योजना से मिलने वाले लाभ
- योजना के माध्यम से जैविक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है।
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक विकास से खेती के स्थाई मॉडल को विकसित करने में मदद करेगी।
- योजना के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- PKVY के अंतर्गत सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए 50 रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- मूल्यवर्धन और विपरण के लिए 8,800 रूपए प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है।
- इस राशि में से 31,000 प्रति हेक्टेयर की राशि जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, बीजों आदि के लिए प्रदान किए जाएंगे।
- क्लस्टर निर्माण एवं क्षमता निर्माण के लिए 3 वर्षों के लिए तक 3,000 प्रति हेक्टेयर वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। जिसमे एक्स्पोज़र विजिट वा फील्ड कर्मियों के प्रशिक्षण शामिल है।
- पिछले 4 सालो में अभी ता 1197 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है
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4 वर्षो में किसानो को दी गई वित्तीय सहायता
साल | एस्टीमेड बजट (करोड़) | रिवाइज्ड बजट (करोड़) | रिलीज (करोड़) |
2017-18 | 350 | 250 | 203.46 |
2018-19 | 360 | 335.91 | 329.46 |
2019-20 | 325 | 299.36 | 283.67 |
2020-21 | 500 | 350 | 381.05 |
कुल | 1535 | 1235.27 | 1197.64 |
यह लोग ले सकते है Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) का लाभ
- आवेदनकर्ता भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- योजना में आवेदन करने वाला पेशे से किसान होना चाहिए।
- आवेदनकर्ता की उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए।
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PKVY में आवेदक करने हेतु आवश्यक दस्तावेज
- आवेदनकर्ता का आधार कार्ड
- आवेदनकर्ता का निवास प्रमाण पत्र
- आवेदनकर्ता का आयु प्रमाण पत्र
- आवेदनकर्ता का आय प्रमाण पत्र
- आवेदनकर्ता का राशन कार्ड
- आवेदनकर्ता का पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदनकर्ता का मोबाइल नंबर
जानिए Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

- आवेदकर्ता को सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- आपके सामने होम पर अप्लाई नाउ का ऑप्शन होगा उस पर क्लिक करे।
- अब आपके सामने एक आवेदन पत्र खुल कर सामने आएगा।
- आवेदन पत्र में पूँछी गई सभी जानकारी को दर्ज करना होगा जैसे- आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आदि दर्ज कर दे।
- इसके पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
- इसके बाद आपको सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
जानिए पोर्टल पर लॉगिन करने की प्रक्रिया
- आवेदकर्ता को सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट (pgsindia-ncof.gov.in) पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पर पर लॉगिन का ऑप्शन आएगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
- क्लिक करने के पश्चात आपके सामने एक डायलॉग बॉक्स फुल कर आएगा।
- डायलॉग बॉक्स में आपको अपना यूजर नाम पासवर्ड वा कैप्चा कोड दर्ज करना होगा।
- यह सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद आपको लॉगिन पर क्लिक कर देना होगा।
- इस प्रकार आप पोर्टल पर आसानी से लॉगिन कर पाएंगे।
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कॉन्टेक्ट डिटेल देखने की प्रक्रिया
- आवेदकर्ता को सबसे पहले परम्परागत कृषि विकास योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- यहाँ आपको Contact Us का ऑप्शन दिखेगा उस पर क्लिक करना होगा।

- अब आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा।
- इस पेज पर आप सभी कॉन्टेक्ट डिटेल देख सकते है।