PM Swamitva Yojana: यह योजना केंद्र सरकार के द्वारा लागू की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य गांव के गरीब ग्रामीणों को निवास स्थल का मालिकाना हक़ दिलाना है। इस योजना के माध्यम से वह अपनी जमीन के कागजात पा सकेंगे वा उन कागजात के जरिए लोन वा कई अन्य सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे।

देखा जाए तो यह योजना गरीब ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण अपने जिला मुख्यालय में आवेदन कर सकते है। तथा आवेदन करने से लेकर कार्यवाही के बाद घिरौनी नाम से मालिकाना हक़ पा सकते है।
Contents
जाने क्या है पीएम स्वामित्व योजना
इस योजना को 2020-2021 में केंद्र सरकार के द्वारा लागू किया गया है जिसकी शुरुआत 24 अप्रेल 2020 को की गई थी । इस योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2025 तक देश के 6.62 लाख गावों को स्वामित्व योजना का लाभ देना है। देखा जाए तो कई राज्य इस योजना को लागू करके अपने नागरिको को यह लाभ पंहुचा रहे है। इस योजना के प्रोजेक्ट को अभी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब और राजस्थान सरकार के द्वारा 2020-2021 में लागू किया जा चूका है।
यह भी पढ़े :- सरकारी योजना
किन लोगो को मिल रहा लाभ
इस योजना का लाभ गांवो में रहने वाले गरीब लोगो को दिया जा रहा है, इस योजना के अंतर्गत जिन लोगो के पास अपने निवासस्थल का कोई कागजात न हो वह जिला मुख्यालय में आवेदन कर सकते है तथा इस योजना का लाभ ले सकते है। इस योजना के अंतर्गत कई प्रदेशो ने गांवो में जाकर शिविर आयोजित किये तथा कई लोगो के कागजात तैयार करके उनको वितरित किये।
इस तरह कई गरीब लोग इस योजना के माध्यम से अपने निवास के कागजात बनवा सकता है तथा उन कागजात के द्वारा कई सरकारी सुविधाओं का लाभ भी ले सकता है। एवं स्वरोजगार के लिए इन कागजो से बैंको से लोन भी ले सकता है।
पीएम स्वामित्व योजना में पूंछे जाने वाले सवाल
पीएम स्वामित्व योजना क्या है?
यह योजना केंद्र सरकार के द्वारा लागू की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य गांव के गरीब ग्रामीणों को निवास स्थल का मालिकाना हक़ दिलाना है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकते है?
इस योजना का लाभ गरीब ग्रामीण लोग उठा सकते है ।
पीएम स्वामित्व योजना को किनके द्वारा लागू किया गया है?
केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना को लागू किया गया है।
पीएम स्वामित्व योजना किन किन राज्यों में लागू की जा चुकी है?
इस योजना को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब और राजस्थान सरकार के द्वारा 2020-2021 में लागू किया जा चूका है।